राम चरण की ‘गेम चेंजर’: उम्मीदें और हकीकत के बीच कहीं खोई सफलता?
राम चरण अभिनीत ‘गेम चेंजर’ ने बॉक्स ऑफिस पर धमाकेदार शुरुआत की थी। पहले दिन ही 51 करोड़ रुपये की कमाई ने तो सभी को हैरान कर दिया था, लेकिन क्या यह शुरुआती जोश फिल्म के पूरे सफ़र में कायम रह सका? क्या ‘गेम चेंजर’ वाकई में वो ‘गेम चेंजर’ साबित हो पाई, जिसकी उम्मीद थी? आइए, इस राजनीतिक एक्शन थ्रिलर के बॉक्स ऑफिस प्रदर्शन पर एक गहराई से नज़र डालते हैं।
फ़िल्म की शुरुआती सफलता किसी से छुपी नहीं है। पांच भाषाओं (तेलुगु, तमिल, हिंदी, मलयालम और कन्नड़) में रिलीज़ हुई इस फ़िल्म ने तेलुगु बाजार में सबसे ज़्यादा कमाई की। यह एक बड़ी बात है, क्योंकि अक्सर पैन-इंडिया रिलीज़ वाली तेलुगु फ़िल्में हिंदी बाजार पर ज़्यादा निर्भर रहती हैं, जैसा कि अल्लू अर्जुन की ‘पुष्पा 2’ में देखा गया। लेकिन ‘गेम चेंजर’ के साथ यह मामला उल्टा दिखाई दिया।
हालांकि, यह शुरुआती उत्साह लंबे समय तक टिक नहीं पाया। शनिवार को 57.65% और रविवार को 15.9% की कमी ने फ़िल्म के प्रदर्शन पर एक बड़ा सवालिया निशान लगा दिया है। सोमवार को 5.5 करोड़ रुपये की कमाई के साथ, फ़िल्म ने आठ दिनों में 94 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर लिया है, लेकिन क्या यह आंकड़ा फ़िल्म की विशाल बजट और प्रचार-प्रसार को देखते हुए संतोषजनक है?
फ़िल्म व्यापार विश्लेषक तरण आदर्श ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर अपनी राय व्यक्त करते हुए कहा, “हिंदी बेल्ट में सकारात्मक प्रतिक्रिया के बावजूद, #गेमचेंजर अपनी असली क्षमता को नहीं दिखा पाया है। वीकेंड के आंकड़े उस उल्लेखनीय वृद्धि को नहीं दर्शाते जो एक बड़ी बजट वाली, बहुप्रतीक्षित फ़िल्म से अपेक्षित होती है।” उन्होंने आगे कहा, “तीन दिन का कुल आंकड़ा सम्मानजनक है, लेकिन कुल मिलाकर परिणाम बेहतर होने चाहिए थे, खासकर फ़िल्म की ऊँची लागत को देखते हुए।”
यह विश्लेषण दर्शाता है कि ‘गेम चेंजर’ ने उन उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाया, जो इसके साथ जुड़ी हुई थीं। एक बड़े स्टारकास्ट, बड़े पैमाने पर प्रचार, और एक रोमांचक कहानी के बावजूद, फ़िल्म बॉक्स ऑफिस पर उतना प्रभाव नहीं डाल पाई जितना कि इसके निर्माताओं ने सोचा था।
विभिन्न क्षेत्रों में फ़िल्म की कमाई का विश्लेषण करने पर और भी दिलचस्प तथ्य सामने आते हैं। तेलुगु बेल्ट में चौथे दिन, काकीनाडा में फ़िल्म की ऑक्यूपेंसी सबसे अधिक रही, इसके बाद विशाखापत्तनम और महबूबनगर का नंबर आया। यह दर्शाता है कि फ़िल्म का दर्शकों से जुड़ाव मुख्य रूप से तेलुगु भाषी क्षेत्रों तक ही सीमित रहा। हिंदी बेल्ट में फ़िल्म के अपेक्षाकृत कमजोर प्रदर्शन के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें हिंदी सिनेमा के दर्शकों की पसंद, प्रतिस्पर्धा, और फ़िल्म के प्रचार-प्रसार की रणनीति शामिल हो सकते हैं।
दुनिया भर में, ‘गेम चेंजर’ ने 130.70 करोड़ रुपये का ग्रॉस कलेक्शन किया है, जिसमें से 105.7 करोड़ रुपये विदेशी बाजार से और 105.7 करोड़ रुपये भारतीय बाजार से आए हैं। यह आंकड़ा तो प्रभावशाली है, लेकिन यह फ़िल्म की बजट और उम्मीदों को देखते हुए, अपेक्षित सफलता से कम ही प्रतीत होता है। फ़िल्म का स्टारकास्ट भी काफ़ी मज़बूत है, जिसमें एस. जे. सूर्या, नासर, ब्रह्मानन्दम, वेंनेला किशोर, और मुरली शर्मा जैसे कलाकार शामिल हैं।
‘गेम चेंजर’ की बॉक्स ऑफिस यात्रा हमें यह याद दिलाती है कि फ़िल्म की सफलता केवल बड़े स्टारकास्ट या बड़े बजट पर ही निर्भर नहीं होती। एक मज़बूत कहानी, प्रभावी प्रचार-प्रसार, और दर्शकों की पसंद को समझना भी उतना ही ज़रूरी है। ‘गेम चेंजर’ की मामूली सफलता, फ़िल्म निर्माण के विभिन्न पहलुओं पर गौर करने का एक सबक देती है। यह हमें याद दिलाती है कि बॉक्स ऑफ़िस पर सफलता एक जटिल समीकरण है, जहाँ कई कारक एक साथ मिलकर काम करते हैं। क्या ‘गेम चेंजर’ अपनी उम्मीदों पर खरा उतर पाया, यह सवाल अभी भी बना हुआ है। लेकिन एक बात साफ़ है यह फ़िल्म बॉक्स ऑफ़िस पर कई बहसों और विश्लेषणों को जन्म देगी।
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