Himesh Reshammiya's 'Badass Ravi Kumar': आ वाइल्ड राइड ऑफ एक्शन एण्ड म्यूजिक!

 बॉलीवुड में हिमेश रेशमिया एक ऐसा नाम है जिसे किसी आइडेंटिटी की जरूरत नहीं है। अपने अलग और अनोखे अंदाज़ के लिए प्रसिद्ध, हिमेश ने म्यूजिक  और फिल्मों दोनों में अपनी एक खास पहचान बनाई है। "बदास रविकुमार" हिमेश रेशमिया की एक ऐसी फिल्म है जिसने न केवल ऑडियंस  को चौंका दिया बल्कि उनके दिमाग पर एक विचित्र छाप छोड़ी है। यह फिल्म न सिर्फ हिमेश की प्रतिभा का उदाहरण है बल्कि उनकी यूनीक स्टाइल  का भी प्रदर्शन करती है।

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एक अप्रत्याशित विचार

हम सब जानते हैं कि हमारे मन में दिन भर में काये  विचार आते हैं, जिनमें से कई अनचाहे और इच्छा के बिना होनेवाला होते हैं। "बदास रविकुमार" हिमेश रेशमिया का ऐसा ही एक अनचाहा आइडीअ  है, जिसे उन्होंने जीतने दिया। यह फिल्म उनके अंदर छिपी उन सभी इच्छाओं का तसवीर है जिन्हें वे अपने रियल लाइफ  में नहीं जी सकते थे।

कथा का अभाव, अद्वितीयता का वर्चस्व

इस फिल्म की कहानी की अगर बात की जाए तो यहाँ कोई ठोस कहानी नहीं है। हिमेश यहाँ वही करते हैं जो वे करना चाहते हैं। वह अपने तरीके से लोगों को चीरते हैं, गोली लगने के बाद घाटी से कूदते हैं और फिर वापस आकर 15 मिनट के एक लंबे सीक्वेंस में सनी लियोनी के साथ डांस करते हैं। इस दौरान विभिन्न गाने जैसे 'तंदूरी डेज', श्रेया घोषाल का दिल तोड़ने वाला गाना और फिर एक पेप्पी नंबर बारी-बारी से चलते रहते हैं।

संगीत का जादू

हिमेश रेशमिया ने इस फिल्म के म्यूजिक, गाने , कहानी और निर्माण सभी का जिम्मा खुद संभाला है। फिल्म के प्रत्येक फ्रेम में वे नजर आते हैं और उनकी अनुपम से बचने का कोई तरीका नहीं है। "मैं इस मिट्टी का बेटा हूँ" जैसा डायलॉग वे बेधड़क बोल जाते हैं।

भावनात्मक पृष्ठभूमि

फिल्म में एक emotional background भी है। हिमेश हमेशा अपने पास सिगरेट का एक पैक रखते हैं लेकिन कभी पीते नहीं हैं। इस बात का कारण भी फिल्म में बताया गया है जो ऑडियंस को एक नई दृष्टि देता है।

हीरे की चोरी का सीक्वेंस

हीरे की चोरी का सीक्वेंस थिएटर में ऑडियंस को हंसी से लोटपोट कर देता है। ऐसा कोई काम नहीं है जिसे रविकुमार नहीं कर सकते। यह फिल्म न सिर्फ ऑडियंस का मनोरंजन करती है बल्कि उन्हें सोचने पर भी मजबूर कर देती है।

किरती कुल्हरी का प्रदर्शन

पूरी फिल्म के दौरान ऑडियंस तब ही असलियत में आते हैं जब किरती कुल्हरी स्क्रीन पर होती हैं। इतने बड़े कलाकर का इस फिल्म में क्या काम है, यह एक हैरानी की बात है। उनके किरदार को बस शरीर दिखाना और सिगरेट हाथ में रखना ही चाहिए।

दर्शकों का समर्थन

"बदास रविकुमार" के क्रेडिट के लिए, फिल्म की दो घंटे की टाइम पीरीअड के दौरान एक भी व्यक्ति थिएटर छोड़कर नहीं गया। सभी इस 'दिमाग खराब' करने वाली फिल्म को देखना चाहते थे। फिल्म मकर्स  के  ट्रेलर में ही क्लेयर कर दिया था कि यह फिल्म कैसा अनुभव देने वाली है। अगर आप हिमेश रेशमिया के फैन हैं, तो यह फिल्म आपके लिए है। और अगर आप हिमेश रेशमिया के फैन नहीं हैं, तो आप हो जाएंगे, बस आपको अभी यह पता नहीं है।

यह फिल्म वाकई में कमाल की है! कहानी, अभिनय और निर्देशन सब कुछ बेहतरीन है यह फिल्म आपको हंसाएगी, और अंत तक बांधे रखेगी। अगर आपने अभी तक यह फिल्म नहीं देखी है, तो तुरंत देखिए। अगर आप ने फिल्म देखी है तो कमेन्ट में  जरूर बताए


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