बॉलीवुड में 'आइटम सॉन्ग्स' हमेशा से ही दर्शकों के बीच मिश्रित प्रतिक्रियाएं प्राप्त करते रहे हैं। कुछ कलाकार अपने काम को गर्व से स्वीकार करते हैं, जबकि कुछ अन्य इसका विरोध करते हैं। प्रसिद्ध गायिका श्रेया घोषाल ने हाल ही में इस विषय पर अपनी राय व्यक्त की है। उन्होंने स्वीकार किया कि उन्हें 'चिकनी चमेली' (अग्निपथ, 2012) जैसे 'रॉन्ची' डांस नंबर पर शर्मिंदगी महसूस होती है, जिसमें कैटरीना कैफ ने अभिनय किया था।
श्रेया घोषाल ने एक साक्षात्कार में कहा, "मेरे पास कुछ गाने हैं जो सीमा पर रॉन्ची हो सकते हैं, जैसे चिकनी चमेली। यौन और सेक्सी होने के बीच एक बहुत ही पतली रेखा होती है या खुद को वस्त्रित करने के लिए बाहर होना। मैं इस बारे में अब समय के साथ थोड़ा सचेत हो गई हूं क्योंकि मैं देखती हूं कि छोटी लड़कियां इस गाने को गा रही हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "वे नहीं जानते कि इसका क्या मतलब है, यह एक मजेदार गाना है और वे इस पर नाच रही हैं। वे आते हैं और कहते हैं, 'मुझे आपका संगीत पसंद है, क्या मैं इसे आपके सामने गा सकती हूं?' और फिर, मुझे बहुत शर्मिंदगी महसूस होती है। एक छोटी लड़की जो मुश्किल से 5-6 साल की है, वह इसे गा रही है और यह अच्छा नहीं लगता। मैं यह नहीं चाहती, इसलिए मैं इसके बारे में सचेत हो गई हूं।"
आइटम सॉन्ग्स का प्रभाव
आइटम सॉन्ग्स का बॉलीवुड में एक महत्वपूर्ण स्थान है। ये गाने अक्सर फिल्मों के प्रमोशन के लिए उपयोग किए जाते हैं और दर्शकों को आकर्षित करने का एक प्रमुख साधन होते हैं। हालांकि, इन गानों का प्रभाव हमेशा सकारात्मक नहीं होता। कई बार ये गाने महिलाओं को वस्त्रित करने और यौनिकता को बढ़ावा देने के लिए आलोचना का शिकार होते हैं।
श्रेया घोषाल का दृष्टिकोण
श्रेया घोषाल का दृष्टिकोण इस संदर्भ में महत्वपूर्ण है क्योंकि वह एक प्रतिष्ठित गायिका हैं और उनके विचारों का प्रभाव व्यापक हो सकता है। उन्होंने अपने अनुभवों और विचारों को साझा करते हुए बताया कि कैसे वह अब इस प्रकार के गानों के प्रति सचेत हो गई हैं। उनका मानना है कि इन गानों का प्रभाव बच्चों पर भी पड़ता है और यह एक गंभीर मुद्दा है।
बॉलीवुड में बदलाव की आवश्यकता
श्रेया घोषाल के विचार हमें यह सोचने पर मजबूर करते हैं कि बॉलीवुड में बदलाव की आवश्यकता है। हमें यह समझना होगा कि मनोरंजन के नाम पर हम क्या प्रस्तुत कर रहे हैं और इसका समाज पर क्या प्रभाव पड़ रहा है। आइटम सॉन्ग्स का उपयोग फिल्मों में एक प्रमोशनल टूल के रूप में किया जाता है, लेकिन हमें यह भी देखना होगा कि इन गानों का संदेश क्या है और यह समाज पर क्या प्रभाव डाल रहा है।
निष्कर्ष
बॉलीवुड के आइटम सॉन्ग्स हमेशा से ही विवादों का विषय रहे हैं। श्रेया घोषाल का दृष्टिकोण हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि हमें मनोरंजन के नाम पर क्या प्रस्तुत करना चाहिए और इसका समाज पर क्या प्रभाव पड़ रहा है। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हम अपने काम के माध्यम से सकारात्मक संदेश दें और समाज को सही दिशा में ले जाएं।

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